संधि
दो वर्णो के मेल से जो विकार उत्पन्न होता हैं उसे संधि कहते हैं।
जहां विकार नहीं होगा वहां संधि भी नहीं होगी
हिम + आलय = हिमालय
फल + आहार = फलाहार
बुद्धि + मान = बुद्धिमान
समझ + दार = समझदार
संधि को 3 भागों बांटा गया हैं
- स्वर संधि
- व्यंजन संधि
- विसर्ग संधि
स्वर संधि
स्वर संधि को 5 भागों में बांटा गया हैं
- दीर्घ स्वर संधि
- गुण स्वर संघि
- वृद्धि स्वर संधि
- यण स्वर संधि
- अयादि स्वर संधि
दीर्घ स्वर संधि
समान स्वर आने पर उसे दीर्घ (बडा) कर दो
अ/आ + अ/आ = आ
इ/ई + इ/ई = ई
उ/ऊ + उ/ऊ = ऊ
अ + अ = आ
अ + आ = आ
आ + अ = आ
आ + आ = आ
इ + इ = ई
इ + ई = ई
ई + इ = ई
ई + ई = ई
उ + उ = ऊ
उ + ऊ = ऊ
ऊ + उ = ऊ
ऊ + ऊ = ऊ
हास्य + आस्पद = हास्यास्पद
विवाद + आस्पद = विवादास्पद
सिंह + आसन = सिंहासन
जन + आकीर्ण = जनाकीर्ण
पित्त + आशय = पित्ताशय
जल + आशय = जलाशय
जन + आकांक्षा = जनाकांक्षा
कुसुम + आगम = कुसुमागम
कुसुम + आकर = कुसुमाकर
शोक + आकुल = शोकाकुल
प्रेम + आसक्त = प्रेमासक्त
जन + आदेश = जनादेश
जन + आधार = जनाधार
शत + अंश = शतांश
अकार + आदि = अकारादि
अश्व + आरोही = अश्वारोही
मकर + आकृति = मकराकृति
गमन + आगमन = गमनागमन
रस + आभास = रसाभास
कंटक + आकीर्ण = कंटकाकीण
शयन + आगार = शयनागार
अस्त्र + आगार = अस्त्रागार
कार्य + आलय = कार्यालय
मेघ + आलय = मेघालय
चिर + आयु = चिरायु
अल्प + आयु = अल्पायु
तुषार + आच्छन्न = तुषाराच्छन्न
स्वर्ग + आरोहण = स्वर्गारोहण
अकार + आदि = अकारादि
शयन + आगार = शयनागार
अस्त्र + आगार = अस्त्रागार
कार्य + आलय = कार्यालय
मेघ + आलय = मेघालय
जीव + आत्मा = जीवात्मा
रस + आनंद = रसानंद
कृप + आचार्य = कृपाचार्य
दिवा + अंध = दिवांध
मुद्रा + अंक = मुद्रांक
निशा + अंध = निशांध
तारा + अंकित = तारांकित
छाया + अंक = छायांक
बडवा + अनल = बडवानल
महा + अरण्य = महारण्य
दशा + अंतर = दशांतर
व्यथा + अन्वित = व्यथान्वि
राधा + अष्टमी = राधाष्टमी
चूडा + अन्त = चूडान्त
प्रेरणा + अर्थक = प्रेरणार्थक
सुधा + अंशु = सुधांशु
कल्पना + अतीत = कल्पनातीत
ब्रह्मा + अण्ड = ब्रह्माण्ड
श्रद्धा + अंजलि = श्रद्धांजलि
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी
विद्या + अर्जन = विद्यार्जन
शिक्षा + अर्थी = शिक्षार्थी
भिक्षा + अर्थी = भिक्षार्थी
परीक्षा + अर्थी = परीक्षार्थी
सेवा + अर्थी = सेवार्थी
कृपा + अर्थ = कृपार्थ
सेवा + अर्थ = सेवार्थ
सीमा + अंत = सीमांत
भोजन + अर्थ = भोजनार्थ
काला + अक्षर = कालाक्षर
जिला + अधीश = जिलाधीष
लंका + अरि = लंकारि
महा + अनुभाव = महानुभाव
भाषा + अंतर = भाषांतर
द्राक्षा + अवलेह = द्राक्षावलेह
तथा + अपि = तथापि
पुरा + अवतंश = पुरावतंश
सत्ता + अंतरण = सत्तांतरण
मुक्ता + अवली = मुक्तावली
रचना + अवली = रचनावली
द्वारका + अधीश = द्वारकाधीश
संख्या + अतीत = संख्यातीत
आषा + अतीत = आशातीत
छाया + अंकन = छायांकन
व्यथा + आक्रान्त = व्यथाक्रान्त
वार्ता + आलाप = वार्तालाप
क्षुधा + आर्त = क्षुधार्त
विधवा + आश्रम = विधवाश्रम
कृपा + आयतन = कृपायतन
परंपरा + आगत = परंपरागत
कारा + आवास = कारावास
दया + आर्द्र = दयार्द
चिता + आरोहण = चितारोहण
तुलना + आत्मक = तुलनात्मक
तथा + आगत = तथागत
सत्ता + आरूढ = सत्तारूढ
शिला + आसन = शिलासन
प्रतीक्षा + आतुर = प्रतीक्षातुर
चिकित्सा + आलय = चिकित्सालय
प्रतीक्षा + आलय = प्रतीक्षालय
कृपा + आलु = कृपालु
भाषा + आबद्ध = भाषाबद्ध
प्रेक्षा + आगार = प्रेक्षागार
कारा + आगार = कारागार
लेखा + आगार = लेखागार
स्वेच्छा + आचार = स्वेच्छाचार
मिथ्या + आचार = मिथ्याचार
चिंता + आतुर = चिंतातुर
श्रद्धा + आलु = श्रद्धालु
शंका + आलु = शंकालु
क्रिया + आत्मक = क्रियात्मक
प्रेरणा + आस्पद = प्रेरणास्पद
श्रद्धा + आस्पद = श्रद्धास्पद
महा + आशय = महाशय
कृपा + आकांक्षी = कृपाकांक्षी
कृपाआ + कांक्षिणी = कृपाकांक्षिणी
प्रसूता + आलय = प्रसूतालय
गिरि + इन्द्र = गिरीन्द्र
मणि + इन्द्र = मणीन्द्र
मुनि + इन्द्र = मुनीन्द्र
कवि + इन्द्र = कवीन्द्र
रवि + इन्द्र = रवीन्द्र
क्षिति + इन्द्र = क्षितीन्द्र
कपि + इन्द्र = कपीन्द्र
प्राप्ति + इच्छा = प्राप्तीच्छा
हरि + इच्छा = हरीच्छा
अभि + इष्ट = अभीष्ट
अति + इन्द्रिय = अतीन्द्रिय
अति + इव = अतीव
अति + इत = अतीत
प्रति + इत = प्रतीत
प्रति + इक = प्रतीक
गिरि + ईश = गिरीश
क्षिति + ईश = क्षितीश
हरि + ईश = हरीश
कपि + ईश = कपीश
वि + ईक्षा = वीक्षा
रवि + ईश = रवीश
मुनि + ईश = मुनीश
परि + ईक्षित = परीक्षित
परि + ईक्षा = परीक्षा
परि + ईक्षण = परीक्षण
अधि + ईक्षण = अधीक्षण
अधि + ईक्षक = अधीक्षक
प्रति + ईक्षित = प्रतीक्षित
मुनि + ईश्वर = मुनीश्वर
अधि + ईश्वर = अधीश्वर
कवि + ईश्वर = कवीश्वर
कपि + ईश्वर = कपीश्वर
वि + इईक्षण = वीक्षण
लक्ष्मी + इच्छा = लक्ष्मीच्छा
महती + इच्छा = महतीच्छा
षची + इन्द्र = शचीन्द्र
मही + इन्द्र = महीन्द्र
श्री + ईश = श्रीश (विष्णु)
सती + ईश = सतीश
मही + ईश = महीश (राजा)
रजनी + ईश = रजनीश
लक्ष्मी + ईश = लक्ष्मीश
नदी + ईश = नदीश
करी + ईश = करीश
चंडी + ईश = चंडीश
धरणी + ईश = धरणीश
नारी + ईश्वर = नारीश्वर
नदी + ईश्वर = नदीश्वर
फणी + ईश्वर = फणीश्वर
भानु + उदय = भानूदय
विधु + उदय = विधूदय
सिंधु + ऊर्मि = सिंधूर्मि
लघु + ऊर्मि = लघूर्मि
सरयू + ऊर्मि = सरयूर्मि
भू + ऊर्जित = भूर्जित
भू + ऊर्द्ध = भूर्द्ध
भू + उद्धार = भूद्धार
मृत्यु + उपरांत = मृत्यूपरांत
गुरु + उपदेश = गुरूपदेष
अनु + उदित = अनूदित
अनु + उत्तर = अनूत्तर
चमू + उत्साह = चमूत्साह
भू + ऊष्मा = भूष्मा
धातु + ऊष्मा = धातूष्मा
बहु + उद्देशीय = बहूद्देषीय
बहु + ऊर्जा = बहूर्जा
भू + उत्थान = भूत्थान
वधू + उक्ति = वधूक्ति
साधु + उक्ति = साधूक्ति
भू + ऊर्ध्व = भूर्ध्व
मधु + उत्सव = मधूत्सव
गुण स्वर संघि
अ/आ + इ/ई = ए
अ/आ + उ/ऊ = ओ
अ/आ + ऋ = अर्
काव्य + इतर = काव्येतर
इतर + इतर = इतरेतरऽ
अन्य + इतर = अन्येतर
विवाह + इतर = विवाहेतर
शिक्षण + इतर = शिक्षणेतर
आर्य + इतर = आर्येतर
षब्द + इतर = शब्देतर
मानव + इतर = मानवेतर
साहित्य + इतर = साहित्येतर
शुभ + इच्छा = शुभेच्छा
अल्प + इच्छा = अल्पेच्छा
हित + इच्छा = हितेच्छा
स्व + इच्छा = स्वेच्छा
यथा + इच्छा = यथेच्छाऽ
नाग + इन्द्र = नागेन्द्र
महा + इन्द्र = महेन्द्र
व्रज + इन्द्र = व्रजेन्द्र
उप + इन्द्र = उपेन्द्र
मृग + इन्द्र = मृगेन्द्र
मानव + इन्द्र = मानवेन्द्र
गज + इन्द्र = गजेन्द्र
भारत + इन्द्र = भारतेन्द्र
धीर + इन्द्र = धीरेन्द्र
राजा + इन्द्र = राजेन्द्र
खग + इन्द्र = खगेन्द्र
मत्स्य + इन्द्र = मत्स्येन्द्र
योग + इन्द्र = योगेन्द्र
देव + इन्द्र = देवेन्द्र
महा + ईश = महेश
राका + ईश = राकेश
उमा + ईश = उमेश
अल्प + ईश = अल्पेश
ऋत + ईश = ऋतेश
मिथिला + ईश = मिथिलेश
विमला + ईश = विमलेश
राजा + ईश = राजेश
तप + ईश = तपेश
हृषिक + ईश = हृषिकेश
नाग + ईश = नागेश
रमा + ईश = रमेश
द्वारका + ईश = द्वारकेश
अखिल + ईश = अखिलेश
जित + इन्द्रिय = जितेंद्रिय
ज्ञान + इंद्रिय = ज्ञानेंद्रिय
कर्म + इन्द्रिय = कर्मेन्द्रिय
शुभ + इच्छु = शुभेच्छु
भोजन + इच्छुक = भोजनेच्छुक
न + इति = नेति
अन्त्य + इष्टि = अन्त्येष्टि
प्र + इषिति = प्रेषिति
प्र + इषक = प्रेषक
प्र + ईक्षक = प्रेक्षक
सुधा + इन्दु = सुधेन्दु
नव + इन्दु = नवेन्दु
अंक + ईक्षण = अंकेक्षण
गुडाका + ईश = गुडाकेश
उप + ईक्षा = उपेक्षा
अप + ईक्षा = अपेक्षा
प्र + ईक्षा = प्रेक्षा
स़ाप + ईक्ष = सापेक्ष
सिद्ध + ईश्वरी = सिद्धेश्वरी
देव + ईश्वर = देवेषश्वर
परम + ईश्वर = परमेश्वर
योग + ईश्वर = योगेषश्वर
महा + ईश्वर = महेश्वर
स्वर + उदय = स्वरोदय
भाग्य + उदय = भाग्योदय
महा + उदय = महोदय
अन्त्य + उदय = अन्त्योदय
करुणा + उद़्पादक = करुणोत्पादक
सूर्य + उदय = सूर्योदय
नर + उचित = नरोचित
बाल + उचित = बालोचित
मानव + उचित = मानवोचित
मित्र + उचित = मित्रोचित
पुरुष + उचित = पुरुषोचित
अवसर + उचित = अवसरोचित
यथा + उचित = यथोचित
देव + उचित = देवोचित
वीर + उचित = वीरोचित
दर्प + उक्ति = दर्पोक्ति
व्यंग्य + उक्ति = व्यंग्योक्ति
अतिषय + उक्ति = अतिशयोक्ति ऽ
समास + उक्ति = समासोक्ति
लोक + उक्ति = लोकोक्ति
अन्य + उक्ति = अन्योक्ति
वक्र + उक्ति = वक्रोक्ति
वेद + उक्ति = वेदोक्ति
पूर्व + उक्त = पूर्वोक्त
वेद + उक्त = वेदोक्त
भय + उत्पादक = भयोत्पादक
प्रेम + उत्पादक = प्रेमोत्पादक
आनंद + ़उत्कर्ष = आनंदोत्कर्ष
भाव + उत्कर्ष = भावोत्कर्ष
प्राण + उत्कर्ष = प्राणोत्कर्ष
चरम + उत्कर्ष = चरमोत्कर्ष
रस + उत्कर्ष = रसोत्कर्ष
पुरुष + उत्तम = पुरुषोत्तम
जीर्ण + उद्धार = जीर्णोद्धार
दुग्ध + उपजीवी = दुग्धोपजीवी
हर्ष + उल्लास = हर्षोल्लास
हिम + उपल = हिमोपल
पुष्प + उद्यान = पुष्पोद्यान
रहस्य + उद्घाटन = रहस्योद्घाटन
प्र + उत्साहक = प्रोत्साहक
सर्व + उपरि = सर्वोपरि
देव + उपरि = देवोपरि
जन + उपयोगी = जनोपयोगी
स + उदाहरण = सोदाहरण
कथा + उपकथन = कथोपकथन
पद + उन्नति = पदोन्नति
स्वातर्न्त्य + उत्तर = स्वातर्न्त्योत्तर
पष्चिम + उत्तर = पश्चिमोत्तर
उत्तर + उत्तर = उत्तरोत्तर
प्रष्न + उत्तर = प्रश्नोत्तर
प्र + उत्साहन = प्रोत्साहन
सह + उदर = सहोदर
हित + उपदेष = हितोपदेष
महा + ऊरु = महोरु
सर्व + उत्तम = सर्वोत्तम
विद्या + उन्नति = विद्योन्नति
मद + उन्मत्त = मदोन्मत्त
पूर्ण + उपमा = पूर्णोपमा
प्र + उज्ज्वल = प्रोज्ज्वल
प्र + उन्नति = प्रोन्नति
धनिक + ़उत्थान = धनिकोत्थान
जन + उत्सव = जनोत्सव
अरुण + उदय = अरुणोदय
अमृत + ़उपमा = अमृतोपमा
अरुण + उदधि = अरुणोद्धि
क्षीर + उदधि = क्षीरोदधि
कुंभ + उदर = कुंभोदर
भीम + उदर = भीमोदर
नत + उदर = नतोदर
कृष + उदर = कृशोदर
धीर + उद्धत = धीरोद्धत
नव + उत्पल = नवोत्पल
नील + उत्पल = नीलोत्पल
अन्योन्य + उपाय = अन्योन्योपाय
दीप + उत्सव = दीपोत्सव
महा + उद़्सव = महोत्सव
विवाह + उद़्सव = विवाहोत्सव
जल + ऊष्मा = जलोष्मा
नव + ऊढा = नवोढा
जल + ऊर्मि = जलोर्मि
सागर + ऊर्मि = सागरोर्मि
भाव + ऊर्मि = भावोर्मि
गंगा + ऊर्मि = गंगोर्मि
यमुना + ऊर्मि = यमुनोर्मि
महा + ऊर्जा = महोर्जा
सूर्य + ऊर्जा = सूर्योर्जा
नव + ऊर्जा = नवोर्जा
शाक + उपजीवी = शाकोपजीवी
भाव + उद्रेक = भावोद्रेक
रस + उद्रेक = रसोद्रेक
वैर + उद्धार = वैरोद्धार
नव + उन्मेष = नवोन्मेष
हत + उत्साह = हतोत्साह
प्राण + उत्सर्ग = प्राणोत्सर्ग
स + अंग + उपअंग = सांगोपांग
ग्राम + उत्थान = ग्रामोत्थान
दलित + उत्थान = दलितोत्थान
यज्ञ + उपवीत = यज्ञोपवीत
लंबा + उदर = लंबोदर
उन्नत + उदर = उन्नतोदर
धीर + उदात्त = धीरोदात्त
स + उत्साह = सोत्साह
कठ + उप़ऩिसद् = कठोपनिषद्
ईष + उप़ऩिसद् = ईशोपनिषद्
घट + उत्कच = घटोत्कच
चित्त + उद्रेक = चित्तोद्रेक
देव + उद्यान = देवोद्यान
न्याय + उचित = न्यायोचित
नाट्य + उचित = नाट्योचित
तंडुल + उदक = तंडुलोदक
पाद + उदक = पादोदक
पुण्य + उदक = पुण्योदक
तीर्थ + उदक = तीर्थोदक
स्नान + उदक = स्नानोदक
आत्म + उत्सर्ग = आत्मोत्सर्ग
मरण + उपरान्त = मरणोपरान्त
प्राप्त + उदक = प्राप्तोदक
मूल + उच्छेद = मूलोच्छेद
मरण + उन्मुख = मरणोन्मुख
फेन + उज्ज्वल = फेनोज्ज्वल
प्रतीक + उपासना = प्रतीकोपासना
मल + उत्सर्ग = मलोत्सर्ग
भग्न + उत्साह = भग्नोत्साह
उष्ण + उष्ण = उष्णोष्ण
धार + उष्ण = धारोष्ण
व्याज + उक्ति = व्याजोक्ति
प्रिय + उक्ति = प्रियोक्ति
रम्भा + ऊरु = रम्भोरु
वसंत + ऋतु = वसंतर्तु
षीत + ऋतु = शीतर्तु
वर्षा + ऋतु = वर्षर्तु
ग्रीष्म + ऋतु = ग्रीष्मर्तु
प्रेम + ़ऋतु = प्रेमतुं
सदा + ऋतु = सदर्तु
हिम + ऋतु = हिमर्तु
हेमंत + ऋतु = हेमंतर्तु
शिषिर + ऋतु = शिशिरर्तु
देव + ऋषि = देवर्षि
कण्व + ऋषि = कण्वर्षि
भरत + ऋषि = भरतर्षि
सप्त + ऋषि = सप्तर्षि
ब्रह्म + ऋषि = ब्रह्मर्षि
राजन् + ऋषि = राजर्षि
नारद + ऋषि = नारदर्षि
कुल + ऋषि = कुलर्षि
महान् + ऋषि = महर्षि
सप्त + ऋषि = सप्तर्षि
साम + ऋचा = सामर्चा
देव + ऋचा = देवर्चा
उत्तम + ऋण = उत्तमर्ण
अधम + ऋण = अधमर्ण
देव + ऋण = देवर्ण
महा + ऋण = महर्ण
वृद्धि स्वर संधि
अ/आ + ए/ऐ = ऐ
अ/आ + ओ/औ = औ
एक + एक = एकैक
एक + एकश = एकैकष
जन + ऐक्य = जनैक्य
विचार + ऐक्य = विचारैक्य
विष्व + ऐक्य = विश्वैक्य
मत + ऐक्य = मतैक्य
हित + एषी = हितैषी
शुभ + एषी = शुभैषी
धन + एषी = धनैषी
प्रिय + एषी = प्रियैषी
पुत्र + एषी = पुत्रैषी
धन + एषणा = धनैषणा
पुत्र + एषणा = पुत्रैषणा
स्व + ऐच्छिक = स्वैच्छिक
वित्त + एषणा = वित्तैषणा
कुल + एषणा = कुलैषणा
लोक + एषणा = लोकैषणा
वसुधा + एव = वसुधैव
तथा + एव = तथैव
सदा + एव = सदैव
एक + एव = एकैव
महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य
धन + ऐश्वर्य = धनैश्वर्य
लोक + ऐश्वर्य = लोकैश्वर्य
गंगा + ऐश्वर्य = गंगैश्वर्य
ज्ञान + ऐश्वर्य = ज्ञानैश्वर्य
परम + ऐश्वर्य = परमैश्वर्य
महा + ऐन्द्रजालिक = महैन्द्रजालिक
जल + ओक = जलौक
जल + ओघ = जलौघ
महा + ओज = महौज
महा + ओजस्वी = महौजस्वी
परम + ओजस्वी = परमौजस्वी
सुन्दर + ओदन = सुन्दरौदन
परम + औदार्य = परमौदार्य
वन + औषध = वनौषध
मंत्र + ओषधि = मंत्रौषधि
जल + ओषधि = जलौषधि
महा + औषध = महौषध
प्र + औद्योगिकी = प्रौद्योगिकी
यण स्वर संधि
इ/ई + शेष स्वर = य् + शेष स्वर
उ/ऊ + शेष स्वर = व् + शेष स्वर
ऋ + शेष स्वर = र् + शेष स्वर
नि + आय = न्याय
नि + आस = न्यास
नि + आसी = न्यासी
नि + ऊन = न्यून
नि + अस्त = व्यस्त
वि + अप + ईक्षा = व्यपेक्षा
वि + अग्र = व्यग्र
वि + ऊह = व्यूह
वि + अक्त = व्यक्त
वि + अक्ति = व्यक्ति
वि + अय = व्यय
वि + अर्थ = व्यर्थ
वि + अष्टि = व्यष्टि
वि + असन = व्यसन
वि + अभिचार = व्यभिचार
वि + आप्त = व्याप्त
वि + आकरण = व्याकरण
वि + आख्यान = व्याख्यान
वि + आख्या = व्याख्या
वि + आघात = व्याघात
वि + आकुल = व्याकुल
वि + आस = व्यास
वि + आपक = व्यापक
वि + आयाम = व्यायाम
वि + ़आति = व्याप्ति
वि + आवर्तन = व्यावर्तन
वि + उत्पत्ति = व्युत्पत्ति
वि + ऊह = व्यूह
वि + ़अंजन = व्यंजन
अति + अन्त = अत्यन्त
अति + अल्प = अत्यल्प
अति + आचार = अत्याचार
अति + अधिक = अत्यधिक
अति + उक्ति = अत्युक्ति
अति + आवश्यक = अत्यावष्यक
अति + उत्तम = अत्युत्तम
अति + उष्ण = अत्युष्ण
अति + एकता = अत्येकता
अधि + अक्षि = अध्यक्ष
अधि + अक्षर = अध्यक्षर
अधि + आपक = अध्यापक
अधि + अयन = अध्ययन
अधि + आपन = अध्यापन
अघि + आय = अध्याय
अधि + आदेश = अध्यादेष
अधि + आत्म = अध्यात्म
अधि + ऊढा = अध्यूडा
प्रति + अक्षि = प्रत्यक्ष
प्रति + अंग = प्रत्यंग
प्रति + ऊह = प्रत्यूह
प्रति + उष = प्रत्युष
प्रति + उषा = प्रत्युषा
प्रति + एक = प्रत्येक
प्रति + उत्पन्न = प्रत्युत्पन्न
प्रति + एकता = प्रत्येकता
प्रति + उपलब्ध = प्रत्युपलब्ध
प्रति + अक्षर = प्रत्यक्षर
प्रति + अंचा = प्रत्यंचा
प्रति + अर्पण = प्रत्यर्पण
प्रति + उत्तर = प्रत्युत्तर
प्रति + उपकार = प्रत्युपकार
प्रति + आशा = प्रत्याषा
प्रति + आशी = प्रत्याषी
प्रति + आशित = प्रत्याषित
प्रति + आख्यान = प्रत्याख्यान
प्रति + आवर्तन = प्रत्यावर्तन
प्रति + आ + भूति = प्रत्याभूति
प्रति + आ + रोपण = प्रत्यारोपण
प्रति + अय = प्रत्यय
प्रति + अपकार = प्रत्यपकार
प्रति + अभिज्ञ = प्रत्यभिज्ञ
प्रति + अंतर = प्रत्यंतर
प्रति + आरोप = प्रत्यारोप
अभि + आस = अभ्यास
अभि + आगत = अभ्यागत
अभि + उदय = अभ्युदय
अभि + उत्थान = अभ्युत्थान
अभि + अर्थी = अभ्यर्थी
अभि + अंतर = अभ्यंतर
अभि + अर्थना = अभ्यर्थना
परि + आवरण = पर्यावरण
परि + अव + ईक्षक = पर्यवेक्षक
परि + अंत = पर्यंत
परि + आकुल = पर्याकुल
परि + उषण = पर्युषण
परि + अवसान = पर्यवसान
परि + अटन = पर्यटन
परि + अटक = पर्यटक
परि + अवईक्षण = पर्यवेक्षण
परि + आत = पर्याप्त
परि + आय = पर्याय
परि + आवरण = पर्यावरण
परि + अंत = पर्यंत
परि + आकुल = पर्याकुल
मति + अनुसार = मत्यनुसार
मति + उदय = मत्युदय
मति + उन्नति = मत्युन्नति
राशि + अंतरण = राश्यंतरण
त्रि + अम्बक = त्र्यम्बक
त्रि + अक्षर = त्र्यक्षर
यदि + अपि = यद्यपि
स्वस्ति + अयन = स्वस्त्ययन
गति + अर्थक = गत्यर्थक
गति + अवरोध = गत्यवरोध
गति + अनुसार = गत्यनुसार
रीति + अनुसार = रीत्यनुसार
द्वि + अर्थी = द्व्यर्थी
अग्नि + आशय = अग्न्याशय
इति + अलम् = इत्यलम्
इति + आदि = इत्यादि
ध्वनि + आत्मक = ध्वन्यात्मक
प्राप्ति + आशा = प्राप्त्याशा
नदी + अर्पण = नद्यर्पण
नदी + आवेग = नद्यावेग
नदी + ऊर्मि = नधूर्मि
नदी + अम्बु = नद्यम्बु
नदी + अंश = नद्यंश
ऽ नदी + आमुख = नद्यामुख
देवी + अंग = देव्यंग
देवी + अर्पण = देव्यर्पण
देवी + एकता = देव्येकता
ऽ देवी + आशा = देव्याषा
सखी + आदेश = सख्यादेश
सखी + आगमन = सख्यागमन
वाणी + औचित्य = वाण्यौचित्य
स्त्री + उचित = स्त्र्युचित
स्त्री़उपयोगी = स्त्र्युपयोगी
स्त्री + अंग = स्त्र्यंग
स्त्री + आदेश = स्त्र्यादेष
सुधी + उपास्य = सुध्युपास्य
दधि + ओदन = दध्योदन
जाति + अभिमान = जात्यभिमान
ऽ गोपी + अर्थ = गोप्यर्थ
सम़्ानु + अय = समन्वय
अनु + अय = अन्वय
अनु + इत = अन्वित
अनु + आदेश = अन्वादेश
अनु + ईक्षण = अन्वीक्षण
अनु + एषण = अन्वेषण
अनु + एषक = अन्वेषक
अनु + ऋचा = अन्वृचा
अनु + इष्ट = अन्विष्ट
अनु + इति = अन्विति
अनु + ईक्षा = अन्वीक्षा
तनु + अंगी = तन्वंगी
हेतु + आभास = हेत्वाभास
अणु + अस्त्र = अण्वस्त्र
परमाणु + अस्त्र = परमाण्वस्त्र
परमाणु + आधार = परमाण्वाधार
साधु + इच्छा = साध्विच्छा
साधु + आदेश = साध्वादेश
साधु + औदार्य = साध्वौदार्य
साधु + आचार = साध्वाचार
मधु + इच्छा = मध्विच्छा
मधु + अरि = मध्वरि
मधु + ओदन = मध्वोदन
मधु + आचार्य = मध्वाचार्य
लघु + ओष्ठ = लघ्वोष्ठ
वधू + आदेश = वध्वादेश
वधू + इच्छा = वध्विच्छा
वधू + आगमन = वध्वागमन
सरयू + अम्बु = सरय्वम्बु
बहु + ऐश्वर्य = बह्वैषश्वर्य
गुरु + ऋण = गुर्वृण
गुरु + आसन = गुर्वासन
गुरु + आज्ञा = गुर्वाज्ञा
गुरु + इच्छा = गुर्विच्छा
गुरु + आदेश = गुर्वादेष
गुरु + ओदन = गुर्वोदन
धनु + आकार = धन्वाकार
लघु + आकार = लघ्वाकार
भ्रातृ + आदेश = भ्रात्रादेष
भ्रातृ + इच्छा = भ्रात्रिच्छा
मातृ + अनुमति = मात्रनुमति
मातृ + इच्छा = मात्रिच्छा
मातृ + अर्थ = मात्रर्थ
मातृ + आदेश = मात्रादेष
मातृ + आनंद = मात्रानंद
पितृ + अनुमति = पित्रनुमति
पितृ + इच्छा = पित्रिच्छा
पितृ + उत्सुकता = पित्रुत्सुकता
पितृ + उपदेश = पित्रुपदेष
पितृ + औत्सुकता = पित्रौत्सुकता
जामातृ + इच्छा = जामात्रिच्छा
स्वसृ + अनुमति = स्वस्रनुमति
अयादि स्वर संधि
ए + शेष स्वर = अय् + शेष स्वर
ऐ + शेष स्वर = आय् + शेष स्वर
ओ + शेष स्वर =अव् + शेष स्वर
औ + शेष स्वर = आव् + शेष स्वर
शे + अन = षयन
ने + अन = नयन
उदे + अ = उदय
विले + अ = विलय
विने + अ = विनय
विजे + ई = विजयी
गै + अन = गायन
नै + अक = नायक
नै + इका = नायिका
गै + अक = गायक
विधै + अक = विधायक
विधै + इका = विधायिका
विनै + अक = विनायक
दै + अक = दायक
दै + इका = दायिका
सै + अक = सायक
गो + ईश = गवीष
लो + इत्र = लवित्र
पो + इत्र = पवित्र
भौ + इनी = भाविनी
भो + अन = भवन
श्रो + अन = श्रवण
पो + अन = पवन
प्रसो + अ = प्रसव
हो + इष्य = हविष्य
भो + इष्य = भविष्य
भो + अति = भवति
भौ + अना = भावना
श्रौ + अन = श्रावण
श्रौ + अक = श्रावक
श्रौ + इका = श्राविका
शौ + अक = शावक
शौ + इका = शाविका
गो + इन्द्र = गवेन्द्र ( अपवाद)
नौ + इक = नाविक
पौ + अन = पावन
पौ + अक = पावक
धौ + अक = धावक
धौ + इका = धाविका