राणा सज्जन सिंह (1874 – 1884 ई.)
Rana Sajjan Singh
- – महाराणा सज्जन सिंह बागौर ठिकाने के शक्तिसिंह के पुत्र थे।
- – इन्होंने 14 फरवरी, 1878 को अंग्रेजों के साथ नमक समझौता किया था। इनके समय में वायसराय लॉर्ड नॉर्थब्रुक उदयपुर आए।
- – इनके समय 1881 ई. में लॉर्ड रिपन चित्तौड़गढ़ आए तथा महाराणा को (Grand Commander of the Star of India) जी.सी.एस.आई. का खिताब दिया।
- – इन्होंने ‘सज्जन निवास’ नाम से सुन्दर बाग लगवाया।
- – इनके राज्य में शिक्षा की सुव्यवस्था के लिए एजुकेशन कमेटी की स्थापना की गई थी।
- – महाराणा ने अपने नाम से ‘सज्जन अस्पताल’ एवं कर्नल वॉल्टर के नाम से ‘वॉल्टर जनाना अस्पताल’ का निर्माण करवाया था।
- – इनके समय मेवाड़ में जमीन की पैमाइश करवाकर नया भू-राजस्व बंदोबस्त शुरू किया गया।
- – इनके काल में मेवाड़ में 1881 ई. में प्रथम बार जनगणना का कार्य शुरू हुआ। इन्होंने ‘इजलास खास’ का गठन किया। यह दिवानी, फौजदारी तथा अपील संबंधी मामलों की परिषद थी।
- – राणा ने शासन प्रबन्ध एवं न्याय कार्य के लिए 1880 ई. में महेन्द्राज सभा की स्थापना की।
- – 1881 ई. में उदयपुर में ‘सज्जन यंत्रालय’ छापाखाना स्थापित कर इन्होंने सज्जन कीर्ति सुधारक नामक साप्ताहिक का प्रकाशन किया। इन्होंने श्यामलदास को कविराज की उपाधि प्रदान की।
- – इन्होंने ‘सज्जन वाणी विलास’ पुस्तकालय की स्थापना की।
- – सज्जन सिंह, लॉर्ड लिटन द्वारा आयोजित दिल्ली दरबार में भाग लेने वाला मेवाड़ का प्रथम शासक था।
- – सज्जन सिंह के शासनकाल में दयानन्द सरस्वती मेवाड़ आए थे तथा सत्यार्थ प्रकाश का लेखन जग मंदिर में प्रारम्भ किया था।
- – सज्जन सिंह ने आर्य समाज प्रतिनिधि सभा के सभापति का पद स्वीकार किया। इन्होंने बॉसदरा पहाड़ी पर सज्जनगढ़ पैलेस का निर्माण प्रारम्भ किया, जो फतेह सिंह के समय पूर्ण हुआ।