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नोह सभ्यता – भरतपुर || Noh Sabhyata

नोह सभ्यता – भरतपुर

Noh Sabhyata

  • वर्ष 1963-64 में रतनचंद्र अग्रवाल के निर्देशन में यहाँ पर उत्खनन कार्य किया गया।
  • रेडियो कार्बन तिथि के अनुसार इस सभ्यता का समय 1100 ई.पू. से 900 ई.पू. माना जाता है।
  • यहाँ से उत्खनन में विशालकाय यक्ष प्रतिमा तथा मौर्यकालीन पॉलिश युक्त चुनार के चिकने पत्थर से टुकड़े प्राप्त हुए हैं।
  • यहाँ से प्राप्त एक पात्र पर ब्राह्मी लिपि में लेख अंकित है।
  • यह एक लौहयुगीन सभ्यता है तथा यहाँ से प्राप्त भांड काले तथा लाल वेयर युक्त है।
  • यहाँ पर एक ही स्थान से 16 रिंगवेल प्राप्त हुए हैं।
  • यहाँ से 5 सांस्कृतिक युगों के अवशेष मिले हैं।
  • यहाँ से लौहे के कृषि संबंधी उपकरण एवं चक्रकूपों के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
  • यहाँ के निवासी मकान बनाने के लिए पक्की ईंटों का प्रयोग करते थे।
  • यहाँ से कुषाण नरेश हुविस्क एवं वासुदेव के सिक्के प्राप्त हुए है।
  • नोह से ताम्र युगीन, आर्य युगीन एवं महाभारत कालीन सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं।

नगर (टोंक) :- 

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