गिलूण्ड सभ्यता – राजसमंद
Gilund sabhyata
- यह ताम्रयुगीन सभ्यता राजसमन्द जिले में बनास नदी के तट पर स्थित है।
- ‘मोडिया मगरी’ नामक टीले का संबंध गिलूण्ड सभ्यता से है।
- वर्ष 1957-58 में बी. बी. लाल द्वारा यहाँ पर उत्खनन कार्य करवाया गया।
- यहां सांस्कृतिक स्तर पर लगभग एक हजार वर्ष ईसा पूर्व के स्लेटी रंग की तश्तरियां एवं कटोरे प्राप्त हुए हैं।
- यहाँ पर पक्की ईंटों के प्रयोग के साक्ष्य प्राप्त होते हैं।
- यहाँ पर उत्खनन से ताम्रयुगीन सभ्यता एवं बाद की सभ्यताओं के अवशेष मिले हैं।
- यहाँ पर आहड़ सभ्यता का प्रसार था तथा इसी के समय यहाँ मृद्भांपड, मिट्टी की पशु आकृतियां आदि के चित्र मिले हैं।
- गिलूंड के मृदभांडो पर ज्यामितीय चित्रांकन के अलावा प्राकृतिक चित्रांकन भी किया गया है।
- गिलूण्ड में उच्च स्तरीय जमाव में क्रीम रंग एवं काले रंग से चित्रित पात्रों पर नृत्य मुद्राएं एवं चिकतेदार हरिण प्रकाश में आए हैं।
- गिलूण्ड में लाल एवं काले रंग के मृदभाण्ड मिले हैं।