महाजनपद काल– अधिकतर विद्वान छठी शताब्दी ई. पूर्व से भारतीय इतिहास के ऐतिहासिक काल के आरंभ को मानते हैं। उत्तर वैदिक काल में जो अधिकतर कबीलों ने निश्चित भू-भागों पर अधिकार कर के अपने-अपने जनपद स्थापित करना प्रारम्भ किया था...
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जैन और बौद्ध धर्म || Jain or Boddh Dharm
जैन एवं बौद्ध धर्म – ई. पू. की छठी शताब्दी को विश्व में धर्म सुधार आंदोलन के युग के रूप में जाना जाता है। इस काल के दौरान न केवल भारत अपितु विश्व में धर्म सुधार हुआ। जैसे: देश : धर्म सुधारक चीन : ...
वैदिक सभ्यता || Vaidik Sabhyata
वैदिक सभ्यताउदय :-– सिन्धु घाटी सभ्यता के पतन के बाद जिस सभ्यता का उदय हुआ उसे वैदिक अथवा आर्य सभ्यता के नाम से जाना जाता है।– वैदिक सभ्यता की जानकारी के स्रोत वेद हैं जिनमें ऋग्वेद सबसे प्राचीन है व सबसे बड़ा स्रोत...
सिन्धु घाटी सभ्यता || Sindhu ghati sabhyata
सिन्धु घाटी सभ्यता – पाषाण युग की समाप्ति के बाद धातुओं के युग का प्रारम्भ हुआ। इसी युग को आद्य ऐतिहासिक काल या धातु काल कहा जाता है। – हड़प्पा संस्कृति की गणना इस काल से की जाती है।...
राजस्थान की प्रमुख सभ्यताएँ || Rajasthan ki sabhyataye
राजस्थान की प्रमुख सभ्यताएँ || Rajasthan ki sabhyataye राजस्थान की प्रमुख सभ्यताएँ राजस्थान का पाषाण काल :- राजस्थान में इस समय के आदिमानव द्वारा प्रयुक्त जो प्राचीनतम पाषाण उपकरण प्राप्त हुए हैं वे लगभग डेढ़ लाख वर्ष...
वैयक्तिक विभिन्नताएँ एवं विशिष्ट बालक || Individual Difference and Exceptional
● कोई भी दो बालक/व्यक्ति समान नहीं होते हैं अर्थात् सभी में शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, संवेगात्मक, बौद्धिक रूप से विभिन्नताएँ पाई जाती हैं, जिसे व्यक्तिगत विभिन्नता कहते हैं।● प्रत्येक बालक विशिष्ट होता है। समाज में सभी बालक एक...
भारत का सामान्य परिचय || Bharat ka samany parichay
भारत का सामान्य परिचय भारत की स्थिति उत्तरी गोलार्ध एवं पूर्वी देशांतर में है। भारत की आकृति चतुष्कोणीय है। भारत का अक्षांशीय विस्तार 8°4′ से 37°6′ उत्तरी गोलार्ध में है । देशांतरीय विस्तार 68°7′ से 97°25′ पूर्वी...
समश्रुत भिन्नार्थक शब्द II युग्म शब्द
समश्रुत भिन्नार्थक = सम-समान, श्रुत – सुनना, भिन्न-अलग।वे शब्द जो सुनने में समान हो, परन्तु अर्थ में भिन्न हो1. आदि – प्रारम्भ/प्रथमआदी – अभ्यस्त2. तरणि – सूर्यतरणी – नाव3. मरीचि – किरणमरीची – सूर्य4. सूर – सूर्य, अंधाशूर –...
लोकोक्तियाँ
अक्ल बड़ी कि भैंस – शारीरिक बल से बौद्धिक बल अधिक अच्छा होता है। अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता – समूह के द्वारा किया जा सकनेवाला कठिन कार्य अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता।अटका बनिया देय उधार...
मुहावरे
अंगारों पर पैर रखना – संकट में पड़ जाना।घोड़े बेच कर सोना – काम से उदासीन रहकर निश्चित होकर समय बिताना।छठी का दूध याद आना – सम्पूर्ण शक्ति लगाने पर सफलता में संदेह होना।चुल्लू भर...